मराठी बनाम हिंदी की बहस में फंसा उद्धव ठाकरे का जन्मदिन जश्न

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे के 65वें जन्मदिन समारोह का आयोजन रविवार, 27 जुलाई को उनके बांद्रा स्थित आवास 'मातोश्री' में किया गया। रंग-बिरंगे फूलों से सजे मंच पर पार्टी के नेता, शिवसैनिक और शुभचिंतक बड़ी संख्या में मौजूद थे। लेकिन इस जश्न का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विवाद खड़ा हो गया।
वायरल वीडियो में उद्धव ठाकरे को हिंदी गाना 'बार-बार दिन ये आए' की धुन पर केक काटते देखा गया, जिस पर सोशल मीडिया यूज़र्स की तीखी प्रतिक्रियाएं आने लगीं। आलोचकों का कहना है कि यह "भाषाई विरोधाभास" है, क्योंकि हाल ही में शिवसेना (यूबीटी) और मनसे ने महाराष्ट्र में हिंदी थोपने के प्रयासों का कड़ा विरोध किया था। इन दलों के विरोध के चलते सरकार को हिंदी को तीसरी भाषा बनाने वाला प्रस्ताव वापस लेना पड़ा था।
हालांकि, कुछ समर्थकों ने ठाकरे का बचाव करते हुए कहा कि पार्टी की आपत्ति हिंदी भाषा से नहीं, बल्कि उसकी अनावश्यक थोपने की कोशिश पर है। उनका कहना है कि यह आयोजन निजी था और उसमें भावनात्मक पक्ष अधिक महत्वपूर्ण है।
यह घटनाक्रम एक बार फिर महाराष्ट्र की भाषा-राजनीति को चर्चा के केंद्र में ले आया है। सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है कि क्या सार्वजनिक व्यक्तित्वों को हर कदम पर भाषायी संतुलन का ध्यान रखना चाहिए, या कुछ मौकों पर निजी पसंद को तवज्जो देना भी उचित है।
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