ट्रंप की नीतियों से पिघली भारत-चीन की बर्फ, रिश्तों में आ सकती है नई गर्माहट

गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना हुआ था। लेकिन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गलत नीतियों के कारण इस तनाव में कमी आने के संकेत मिल रहे हैं। भारत हमेशा से किसी के लिए खतरा नहीं रहा है, लेकिन उसका किसी एक पक्ष में झुकाव वैश्विक राजनीति में अहम भूमिका निभाता है। ट्रंप की नीतियों ने चीन को भारत के साथ नजदीकियां बढ़ाने का मौका दे दिया है।
चीन अच्छी तरह जानता है कि भारत के साथ खराब रिश्तों से उसे नुकसान ही होगा, जबकि अच्छे रिश्ते उसे अमेरिका के खिलाफ रणनीतिक बढ़त दिला सकते हैं। चीन भारत के साथ व्यापार को अमेरिका के खिलाफ एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी में है।
वहीं, ट्रंप प्रशासन ने भारत के खिलाफ टैरिफ की दीवार खड़ी कर दी है। 25% टैरिफ के बाद अब अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया है, जिससे अमेरिकी बाजार में भारतीय सामानों पर कुल 50% टैरिफ लग जाएगा। यह फैसला 27 अगस्त से लागू होगा और इसके पीछे रूस से तेल खरीदने को कारण बताया गया है।
इस स्थिति ने भारत को चीन और रूस की तरफ झुकने का खुला मौका दे दिया है। चीन लंबे समय से इस अवसर की तलाश में था। दोनों देश तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं और व्यापार के मामले में एक-दूसरे के लिए अहम हैं। अगर रिश्ते सुधरते हैं, तो भारत को व्यापार घाटा कम करने में मदद मिल सकती है, वहीं चीन को भारत जैसा विशाल बाजार मिल जाएगा।
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