पुणे कोर्ट में राहुल गांधी का दावा – "मेरी जान को खतरा", सावरकर टिप्पणी मामले में दिया लिखित जवाब
                                लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को पुणे की विशेष अदालत में लिखित जवाब दाखिल कर कहा कि उनकी जान को खतरा है। यह मामला उनके द्वारा स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी से जुड़ा है।
राहुल गांधी की ओर से वकील मिलिंद पवार ने अदालत को बताया कि भाजपा नेता बिट्ट ने उन्हें धमकी दी थी, साथ ही भाजपा के एक अन्य नेता तरविंदर मारवाह ने भी खुले तौर पर चेतावनी दी थी कि यदि उन्होंने अपना व्यवहार नहीं बदला तो उन्हें अपनी दादी इंदिरा गांधी जैसा अंजाम भुगतना पड़ेगा। वकील ने यह भी बताया कि शिकायतकर्ता सात्यकी सावरकर का गोडसे परिवार से पारिवारिक संबंध है, जिससे वे अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
राहुल गांधी के वकील ने कहा कि बिना अनुमति अदालत में दायर की गई याचिका वे गुरुवार को वापस लेंगे। इस याचिका में राहुल गांधी के हालिया राजनीतिक कदमों का भी जिक्र था, जिसमें 11 अगस्त को संसद में ‘मतचोर सरकार’ का नारा देना और चुनावी अनियमितताओं के दस्तावेज पेश करना शामिल है।
29 जुलाई को दाखिल एक लिखित बयान में सात्यकी सावरकर ने खुद स्वीकार किया था कि वे नाथूराम गोडसे के मामा के परिवार से हैं। इस बयान में महात्मा गांधी की हत्या के आरोपी गोपाल गोडसे के उस दावे का भी उल्लेख है कि वे विनायक दामोदर सावरकर के वंशज हैं।
शिकायतकर्ता का आरोप है कि राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण में वीर सावरकर को ‘पेंशनधारक’ बताया और कहा कि उन्होंने ब्रिटिश सरकार से माफी मांगी थी, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हुईं।
राहुल गांधी ने अदालत में कहा कि मौजूदा राजनीतिक माहौल में उन्हें झूठे मामलों में फंसाकर या अन्य तरीकों से निशाना बनाए जाने का खतरा है। अदालत अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को करेगी।
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