पीएम मोदी जल्द करेंगे चीन का दौरा, SCO शिखर सम्मेलन में लेंगे हिस्सा, सीमा पर शांति की शर्त बरकरार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के दबाव के बावजूद भारत झुकने को तैयार नहीं है। इस बीच, भारत और चीन के बीच हाल के दिनों में बन रहे दोस्ताना माहौल ने दुनिया का सियासी तापमान बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही चीन की यात्रा पर जा सकते हैं। यह दौरा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए होगा।
बीते कुछ वर्षों में भारत-चीन संबंध कई उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं। सीमा पर तनाव और पूर्वी लद्दाख में गतिरोध ने रिश्तों को कमजोर किया था, लेकिन अब हालात बदलते दिख रहे हैं। अक्टूबर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच एक अहम समझौता हुआ था कि सीमा विवाद और मतभेदों से द्विपक्षीय रिश्तों पर नकारात्मक असर नहीं पड़ने दिया जाएगा।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी भी अगले सप्ताह भारत दौरे पर आएंगे, जहां वे एनएसए अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे। SCO में चीन और रूस प्रमुख भूमिका निभाते हैं, और इसे नाटो के संभावित विकल्प के रूप में देखा जाता है। मोदी का चीन दौरा इस बात का संकेत होगा कि भारत रिश्तों को सामान्य करने के लिए गंभीर है, बशर्ते सीमा पर शांति बरकरार रहे।
SCO ने गलवान संघर्ष के बाद भारत और चीन को एक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी की यह यात्रा न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए भी अहम मानी जा रही है। साथ ही, अगले साल भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के लिए चीन का समर्थन सुनिश्चित करने में भी यह दौरा अहम साबित हो सकता है।
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