नेरल में ‘हलक लाइफ़स्टाइल टाउनशिप’ का विज्ञापन विवादों में, एनएचआरसी ने मांगी रिपोर्ट

मुंबई से करीब 100 किलोमीटर दूर नेरल में प्रस्तावित एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट बड़े राजनीतिक विवाद में घिर गया है। इस प्रोजेक्ट को ‘हलक लाइफ़स्टाइल टाउनशिप’ के नाम से प्रमोट किया गया, जिसका विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई राजनीतिक दलों और मानवाधिकार संगठनों ने आपत्ति जताई।
दरअसल, इस विज्ञापन में हिजाब पहनी महिला को यह कहते दिखाया गया कि टाउनशिप में 'समान विचारधारा वाले परिवार', 'नमाज़ और धार्मिक गतिविधियों की जगहें', तथा 'बच्चों के लिए हलाल वातावरण' उपलब्ध होगा। इस पर पूर्व NCPCR अध्यक्ष प्रियंक कानूगो ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे "राष्ट्र के भीतर राष्ट्र" करार दिया। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी होने की भी जानकारी दी।
शिवसेना (शिंदे गुट) प्रवक्ता कृष्णा हेजड़े ने इस विज्ञापन को तुरंत वापस लेने की मांग की और जांच की बात कही। वहीं बीजेपी प्रवक्ता अजीत चव्हाण ने इस प्रोजेक्ट को “ग़ज़वा-ए-हिंद” की कोशिश बताया और इसे संविधान व सामाजिक सद्भावना के खिलाफ करार दिया।
मामले के तूल पकड़ने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अब सरकार पर दबाव है कि वह स्पष्ट करे कि इस तरह का विज्ञापन संविधान और क़ानून के प्रावधानों का उल्लंघन करता है या नहीं।
यह विवाद अब रियल एस्टेट सेक्टर की मार्केटिंग रणनीतियों पर भी सवाल खड़ा कर रहा है — क्या धार्मिक आधार पर प्रोजेक्ट बेचना समाज को और बांट सकता है? इस पर अब देशभर में चर्चा तेज हो गई है।
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