गृह मंत्री अमित शाह ने किया 130वें संविधान संशोधन विधेयक का बचाव, बोले – "जेल से देश नहीं चल सकता"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार, 25 अगस्त को 130वें संविधान संशोधन विधेयक, 2025 का बचाव किया। इस विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगर प्रधानमंत्री, कोई केंद्रीय मंत्री या किसी राज्य का मुख्यमंत्री किसी ऐसे अपराध में गिरफ्तार होकर 30 दिन तक जेल में रहता है, जिसमें कम से कम पाँच साल की सजा हो सकती है, तो 31वें दिन उसकी कुर्सी अपने आप चली जाएगी।
एएनआई से बातचीत में शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद अपने पद को भी इस संशोधन में शामिल किया है। शाह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, “पहले इंदिरा गांधी ने 39वां संशोधन लाकर शीर्ष पदों को न्यायिक समीक्षा से बचाया था। वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा संशोधन लाया है कि अगर प्रधानमंत्री भी जेल जाएंगे तो उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा।”
शाह ने विपक्ष की आलोचनाओं को गलत ठहराया और कहा कि लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है। “क्या प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी नेता जेल से देश चला सकता है? क्या यह लोकतंत्र की गरिमा के अनुकूल है? आज भी विपक्ष यह चाहता है कि अगर वे जेल चले जाएँ तो वहीं से सरकार बना लें। लेकिन मेरी पार्टी और मैं इस सोच को पूरी तरह खारिज करते हैं।”
गृह मंत्री ने साफ किया कि इस संशोधन से किसी भी पार्टी की बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा, “एक सदस्य जाएगा तो पार्टी के बाकी सदस्य सरकार चलाएंगे। जब उसे जमानत मिलेगी तो वह फिर से शपथ लेकर पद संभाल सकता है। इसमें आपत्ति क्या है?”
शाह ने संसद में हो रहे विपक्षी हंगामे की भी आलोचना की और कहा कि यह बिल संयुक्त समिति को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा, “विरोध का अधिकार है, लेकिन क्या यह उचित है कि संसद में विधेयक पेश तक न होने दिया जाए? क्या दोनों सदन चर्चा के लिए हैं या सिर्फ शोर-शराबे के लिए?”
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