वर्ली बीडीडी चॉल पुनर्विकास का पहला चरण शुरू, मुख्यमंत्री फडणवीस ने 556 परिवारों को सौंपी नए घरों की चाबी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को वर्ली बीडीडी चॉल पुनर्विकास परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया। यह एशिया की सबसे बड़ी शहरी नवीनीकरण योजनाओं में से एक मानी जा रही है। कार्यक्रम यशवंतराव चव्हाण नाट्यगृह, माटुंगा (पश्चिम) में आयोजित हुआ, जहां मुख्यमंत्री ने 556 पात्र निवासियों को नए बने फ्लैट्स की चाबियां सौंपी। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार सहित कई वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी मौजूद थे।
म्हाडा के मुंबई हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा संचालित इस परियोजना के तहत पुराने चॉल में रहने वाले परिवारों को आधुनिक सुविधाओं से लैस 2 बीएचके फ्लैट (500 वर्ग फुट कार्पेट एरिया) मुफ्त में दिए जा रहे हैं। पहले चरण में बिल्डिंग नंबर 01 के D और E विंग के निवासियों का पुनर्वास किया गया है। फिलहाल वर्ली की 121 पुरानी चॉलों के 9,689 निवासियों का पुनर्वास किया जाएगा, जिसमें 65% जमीन इस काम के लिए आरक्षित है।
परियोजना में 40 मंजिला 34 पुनर्वास टावर, पोडियम पार्किंग, सातवें माले पर गार्डन, वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स, स्कूल, अस्पताल, जिम, छात्रावास, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, सोलर एनर्जी सिस्टम और रेनवॉटर हार्वेस्टिंग जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। म्हाडा अगले 12 वर्षों तक इन इमारतों का रखरखाव करेगा।
बीडीडी चॉल की 100 साल पुरानी विरासत को संजोने के लिए जांबोरी मैदान और आंबेडकर मैदान को संरक्षित किया जाएगा तथा एक पुरानी चॉल को म्यूजियम में बदला जाएगा। फिलहाल निवासियों को अस्थायी आवास या ₹25,000 प्रति माह का किराया भत्ता 11 महीने के लिए दिया जा रहा है।
दिसंबर तक म्हाडा वर्ली, एन.एम. जोशी मार्ग और नायगांव में अतिरिक्त 3,989 फ्लैट पूरे करने का लक्ष्य रखता है। कुल 86 एकड़ क्षेत्र में 207 चॉलों के 15,593 निवासियों का पुनर्विकास किया जाएगा। एन.एम. जोशी मार्ग पर 2,560 फ्लैट और नायगांव (दादर) में 3,344 फ्लैट बनाए जाएंगे।
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