लालबागचा राजा मंडल ने आभूषणों की नीलामी से जुटाए 1.65 करोड़ रुपये

देश का सबसे बड़ा गणेशोत्सव पंडाल लालबागचा राजा इस बार भी चर्चा में रहा। 20 दिनों तक चले इस महोत्सव के दौरान भक्तों द्वारा चढ़ाए गए सोने-चांदी के आभूषणों और वस्तुओं की नीलामी से मंडल को ₹1.65 करोड़ रुपये की आय हुई।
इस नीलामी में सबसे महंगी बोली एक 100 ग्राम सोने की बिस्किट पर लगी, जिसे श्रद्धालु राजेंद्र लांजवाल ने ₹11 लाख में खरीदा। मंडल के अध्यक्ष बालासाहेब कांबले ने बताया कि इस साल की आय पिछले वर्षों के मुकाबले कम रही है, जिसकी बड़ी वजह सोने-चांदी की लगातार बढ़ती कीमतें हैं।
वर्तमान में सोने की कीमत ₹1,12,000 प्रति 10 ग्राम (24 कैरेट) तक पहुँच गई है, जबकि एक साल पहले यही कीमत ₹75,000 थी। यानी महज़ एक साल में 40% से अधिक का उछाल आया है।
हर साल मंडल भक्तों द्वारा चढ़ाए गए सोने-चांदी की नीलामी करता है। यह नीलामी एक प्रकार के प्रसाद की तरह होती है, जिसमें श्रद्धालु बोली लगाकर वस्तुओं को प्राप्त करते हैं।
पिछले साल 2023 में मंडल को नीलामी से ₹80.70 लाख की आय हुई थी, जबकि इस साल ₹1.65 करोड़ जुटाए गए।
लालबागचा राजा, जिसे नवसाचा राजा भी कहा जाता है, अपनी 92वीं वर्षगांठ मना रहा है। भक्त मानते हैं कि यहाँ की गई प्रार्थनाएँ पूरी होती हैं। संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले दंपत्ति यहाँ विशेष रूप से पूजा करते हैं और संतान प्राप्ति के बाद मंडल को चाँदी की पालना दान करते हैं।
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