मुंबई में गणपति विसर्जन: 29,965 मूर्तियों का विसर्जन, बीएमसी ने बढ़ाए कृत्रिम तालाब, भक्तों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाने के बाद गुरुवार को भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने बप्पा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया। परंपरा के अनुसार, कई भक्त डेढ़ दिन का गणपति उत्सव मनाते हैं, जिसके तहत अगले दिन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
दोपहर से शुरू हुई गणपति विसर्जन की शोभायात्राएं देर रात तक जारी रहीं। मुंबई में करीब 2 लाख घरेलू गणपति और 12,000 से अधिक पंजीकृत सार्वजनिक मंडलों की स्थापना हुई थी।
रात 9 बजे तक 29,965 प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया, जिनमें से 29,614 घरेलू, 337 सार्वजनिक और 14 हरतालिका प्रतिमाएँ थीं। हरतालिका की प्रतिमाओं की पूजा गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले की जाती है। विसर्जन के दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
इस वर्ष बीएमसी ने कृत्रिम तालाबों की संख्या 204 से बढ़ाकर 288 कर दी है, ताकि अधिक से अधिक पर्यावरण अनुकूल विसर्जन किया जा सके। बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश के तहत, 6 फीट से छोटे प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) की मूर्तियों का विसर्जन कृत्रिम तालाबों में ही किया जाना अनिवार्य है। बड़े आकार की मूर्तियों को समुद्र में विसर्जन की अनुमति है।
सबसे अधिक कृत्रिम तालाब वर्ली (G-साउथ) वार्ड में 24, भायखला (E वार्ड) में 20, कांदिवली (R-साउथ) में 18, परेल (F-साउथ) में 17, भांडुप (S वार्ड) में 15 और गोरेगांव (P-साउथ) में 14 बनाए गए।
भक्तों ने इस वर्ष समुद्र की बजाय कृत्रिम तालाबों को चुना, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। कई तालाबों पर LED स्क्रीन लगाई गईं, ताकि भक्त अपने बप्पा को सही तरीके से विसर्जित होते देख सकें। बारिश के बावजूद, भक्त लंबी कतारों में खड़े होकर अंतिम पूजन के बाद बप्पा को विदाई देते नजर आए।
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