राहुल गांधी का बड़ा आरोप: 'वोट चोरी फैक्ट्री' का खुलासा, चुनाव आयोग पर साधा निशाना

कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार, 18 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पूरे देश में बड़े पैमाने पर "सॉफ्टवेयर फ्रॉड" के जरिए वोटर डिलीशन किया गया है, जिससे विपक्षी वोटरों को खासतौर पर निशाना बनाया गया।
राहुल गांधी ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार लोकतंत्र के "हत्यारों" की रक्षा कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि उनके पास अटूट सबूत हैं और जल्द ही एक "हाइड्रोजन बम" जैसे खुलासे सामने आएंगे।
कांग्रेस नेता ने कई मामलों का हवाला दिया—
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14 मिनट में 12 फर्जी डिलीशन फॉर्म: 'सूर्यकांत' नाम के व्यक्ति की पहचान का गलत इस्तेमाल कर 12 फर्जी फॉर्म जमा किए गए।
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केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर से वोट डिलीशन: राहुल ने आरोप लगाया कि हर बूथ से पहले नाम को चुनकर वोट हटाए गए और बाहर के मोबाइल नंबर लिंक किए गए।
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दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक और ओबीसी को टारगेट: उन्होंने कहा कि यह सोची-समझी साजिश है ताकि विपक्षी समर्थन कमजोर हो।
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अलंद विधानसभा में 6,018 वोट गायब: एक बूथ लेवल अधिकारी के रिश्तेदार का नाम गायब होने से मामला सामने आया।
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कांग्रेस-लीडिंग बूथ्स पर फोकस: राहुल गांधी ने कहा कि उन बूथ्स से वोट चोरी हुई जहां कांग्रेस आगे चल रही थी।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग को "लोकतंत्र का हत्यारा" बताया और कहा कि "हम सिर्फ 100% सच और सबूत के साथ बोलेंगे।" उन्होंने चेतावनी दी कि आने वाले खुलासे इतने बड़े होंगे कि "प्रधानमंत्री देश का सामना करने लायक नहीं रहेंगे।"
यह प्रेस कॉन्फ्रेंस ऐसे समय आई है जब राहुल गांधी ने कुछ हफ्ते पहले ही आरोप लगाया था कि कर्नाटक की महादेवपुरा सीट पर 2024 चुनाव में एक लाख से अधिक वोट चोरी हुए।
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