SSC परीक्षा में गड़बड़ियों को लेकर देशभर में विरोध, दिल्ली के जंतर-मंतर पर छात्रों और शिक्षकों का प्रदर्शन
स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (SSC) की पोस्ट फेज-13 भर्ती परीक्षा 2023 में अनियमितताओं और कुप्रबंधन के आरोपों को लेकर देशभर में छात्रों और शिक्षकों का गुस्सा फूट पड़ा है। गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर और सीजीओ कॉम्प्लेक्स के बाहर प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों और कोचिंग संस्थानों के शिक्षकों ने शांतिपूर्ण धरना दिया, जिसे पुलिस की सख्ती और लाठीचार्ज का सामना करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि SSC की परीक्षा प्रणाली में तकनीकी खामियों, सर्वर क्रैश, परीक्षा के बीच में रद्द होने जैसी समस्याएं लगातार सामने आईं। कुछ उम्मीदवारों को 500-500 किलोमीटर दूर के केंद्रों पर भेजा गया, जहां पहुंचने पर पता चला कि परीक्षा रद्द कर दी गई है। कुछ केंद्रों की हालत बेहद खराब थी, जहां सुरक्षा व्यवस्था न के बराबर थी और असुरक्षित माहौल में परीक्षा ली जा रही थी।
छात्रों का कहना है कि सिस्टम बार-बार हैंग हो रहा था, माउस और कंप्यूटर काम नहीं कर रहे थे, और कई केंद्रों पर बाउंसर लगाकर विरोध को दबाने की कोशिश की गई। इस दौरान जंतर-मंतर पर हुए प्रदर्शन में पुलिस और छात्रों के बीच तीखी झड़प हुई, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि SSC के अधिकारियों से बैठक में यह बात सामने आई कि आयोग को 55,000 से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई हैं। यह संख्या तीन लाख अभ्यर्थियों में से 18% से अधिक है, जो परीक्षा की गुणवत्ता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
गौरतलब है कि SSC परीक्षाओं का संचालन अब सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के तहत हो रहा है, जिसे हाल ही में लागू किया गया था। लेकिन छात्रों और शिक्षकों का आरोप है कि यह सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। पहले इन परीक्षाओं का संचालन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसे प्रतिष्ठित तकनीकी संगठनों द्वारा किया जाता था।
अब सभी की निगाहें 13 अगस्त से शुरू होने वाली SSC CGL परीक्षा पर हैं, जिसमें 30 लाख से अधिक उम्मीदवार भाग लेंगे। मौजूदा व्यवस्था और तकनीकी खामियों के बीच इस बड़ी परीक्षा को निष्पक्ष और व्यवस्थित तरीके से कराना SSC के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
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