आज़ाद मैदान में मनोज जरांगे पाटिल का अल्टीमेटम: मांगें पूरी होने तक मुंबई नहीं छोड़ेंगे

मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को आज़ाद मैदान में अपने आंदोलन को और तेज कर दिया। उन्होंने ऐलान किया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वह और उनके समर्थक मुंबई नहीं छोड़ेंगे, चाहे इसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
जरांगे पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार को तुरंत मराठा आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी मामले वापस लेने चाहिए, जिन पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया है उन्हें बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ केस दर्ज हो। उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चेतावनी देते हुए कहा कि पुलिस से लाठीचार्ज कराने की कोशिश न करें, “वरना मराठा समाज दिखा देगा कि हम क्या हैं।”
यह बयान तब आया जब मुंबई पुलिस ने जरांगे और उनकी समिति को नोटिस जारी कर आज़ाद मैदान खाली करने का आदेश दिया। पुलिस ने कहा कि आंदोलन की अनुमति केवल एक दिन और 5,000 लोगों तक के लिए दी गई थी, लेकिन प्रदर्शन कई दिनों से जारी है और भीड़ बढ़ती जा रही है।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को आंदोलन को “अवैध और बाधक” बताते हुए कड़ी टिप्पणी की थी। अदालत ने कहा कि आंदोलन की वजह से मुंबई, खासकर गणेशोत्सव के दौरान, ठप हो रही है। कोर्ट ने जरांगे को मंगलवार दोपहर तक मैदान खाली करने का आदेश दिया और पुलिस को निर्देश दिया कि आगे कोई नया जत्था मुंबई में प्रवेश न करे।
जरांगे 29 अगस्त से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं और मराठा समाज के लिए ओबीसी कोटे में 10% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इस आंदोलन ने महाराष्ट्र में राजनीतिक और सामाजिक हलचल को और तेज़ कर दिया है।
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