गणेशोत्सव में 290 कृत्रिम तालाब, विसर्जन के लिए लाखों लीटर पानी की खपत

मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने इस साल गणेशोत्सव के दौरान 290 कृत्रिम तालाब (Artificial Ponds) तैयार किए, जिसके लिए उसकी सराहना भी हुई। लेकिन इन तालाबों को भरने के लिए लाखों लीटर पानी का उपयोग किया गया। पानी की आपूर्ति टैंकरों और कुओं से पंपिंग के जरिए की गई।
बीते वर्ष की तुलना में इस बार कृत्रिम तालाबों की संख्या में वृद्धि की गई। पिछले साल 204 तालाब बनाए गए थे, जबकि इस साल यह संख्या 290 तक पहुँची। यह निर्णय न्यायालय के उस आदेश के बाद लिया गया जिसमें छह फीट तक की मूर्तियों का विसर्जन केवल कृत्रिम तालाबों में करने का निर्देश दिया गया था। वहीं छह फीट से बड़ी मूर्तियों को प्राकृतिक जलाशयों में विसर्जन की अनुमति दी गई।
नगरपालिका के पास कुल पानी की खपत का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन टैंकर मालिकों और ड्राइवरों का कहना है कि छोटे तालाब भरने में 5–6 टैंकर और बड़े तालाबों में 7–8 टैंकर पानी की आवश्यकता होती है। औसतन एक तालाब के लिए रोजाना करीब 50,000 लीटर पानी उपयोग में लाया गया।
चूँकि चार दिन, पाँच दिन, सात दिन और दस दिन की मूर्तियों का विसर्जन किया गया, इस वजह से अनुमान है कि पूरे शहर में गणेशोत्सव के दौरान लाखों लीटर पानी कृत्रिम तालाबों में खपाया गया। यह पानी टैंकर मालिकों ने पारंपरिक जल स्रोतों जैसे कुओं और बोरवेल से उपलब्ध कराया।
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