2008 मालेगांव ब्लास्ट केस: एनआईए कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को किया बरी

मुंबई स्थित विशेष एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) अदालत ने 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके के मामले में सभी सात आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव के चलते बरी कर दिया है। इस मामले में प्रमुख आरोपी BJP सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित शामिल थे।
क्या है मामला?
29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव शहर में रमजान के दौरान एक मस्जिद के पास बम धमाका हुआ था। यह विस्फोट एक बाइक में लगाए गए विस्फोटक से हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
अदालत का फैसला
विशेष एनआईए न्यायाधीश ए.के. लाहोटी ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असमर्थ रहा कि आरोपी दोषी हैं। उन्होंने अपने फैसले में कहा:
“कोई भी धर्म हिंसा सिखाता नहीं है और आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। केवल संदेह के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।”
किन्हें किया गया बरी?
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित
मेजर (सेवानिवृत्त) रमेश उपाध्याय
अजय रहिरकर
सुधाकर द्विवेदी
सुधाकर चतुर्वेदी
समीर कुलकर्णी
जाँच की स्थिति
शुरुआती जांच ATS (Anti-Terrorism Squad) ने की थी।
2011 में जांच NIA को सौंपी गई थी।
NIA ने इस केस में 323 गवाहों को पेश किया, जिनमें से 34 ने अदालत में बयान बदल दिए।
प्रतिक्रिया
???? लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने कहा:
“मैंने न्याय व्यवस्था पर हमेशा भरोसा रखा और अब सच्चाई सामने आ गई है।”
???? AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नाराज़गी जताते हुए कहा:
“इस फैसले से देश के मुसलमानों को गहरा धक्का लगा है। जब सब बरी हो गए, तो सवाल है कि छह लोगों की हत्या किसने की?”
???? कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बयान दिया:
“कोई भी धर्म आतंकवाद का समर्थन नहीं करता। न्यायालय ने उचित फैसला सुनाया है।”
What's Your Reaction?






